🙏 मंदिर के सामने घायल गाय – किसान भाइयों से एक भावुक अपील

आज मंदिर के सामने एक गाय खड़ी थी – शांत, सीधी, और एक माँ की तरह। लेकिन उसके शरीर पर गहरे जख्म थे। पूछने पर पता चला कि किसी किसान ने उसे लाठी से पीट दिया… सिर्फ अनाज के कुछ दानों के लिए।
🐄 क्या इन बेज़ुबानों को दर्द नहीं होता?
गाय हमारे लिए सिर्फ एक पशु नहीं – माँ तुल्य है। वो भूखी होती है तो सिर्फ घास या कुछ दाने मांगती है। और हम उसे पीट देते हैं? क्या हमारा दिल इतना कठोर हो गया है?
🌾 किसान भाइयों से विनती
आपके खेत में आई गाय नुकसान कर सकती है, ये सच है। लेकिन कृपया उसे पत्थर या डंडे से मत मारिए। उसे प्यार से भगाइए। उसे थोड़ा चारा दे दीजिए – यही तो भारतीय संस्कृति है।
🚫 दर्द चुपचाप सहने वाली आत्मा
वो कुछ नहीं कहती… ना चीखती है, ना शिकायत करती है। लेकिन उसकी आंखों में जो आंसू थे, वो बहुत कुछ कह रहे थे। एक इंसान के रूप में क्या हमें कुछ महसूस नहीं होता?
❤️ इंसान वही जो दूसरों के लिए जिए
- गाय को खाना देना पुण्य है
- अगर घायल दिखे तो पास के गौशाला या NGO को कॉल करें
- गायों के लिए पानी की बाल्टी बाहर रखें
📌 अंतिम शब्द:
ये पोस्ट किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुरोध है। कृपया इन मासूम जीवों के प्रति करुणा रखें। जब आप किसी घायल गाय को देखो, तो एक पल के लिए रुकिए… हो सकता है आपकी मदद उसकी जान बचा दे।
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